यूँ बात बढ़ा कर क्या करना ,
तुम मेरे थे , तुम मेरे हो ,
दुनिया को बता कर क्या करना ,
तुम साथ निभाओ चाहत से ,
कोई रश्म निभा कर क्या करना,
तुम खफा भी अच्छे लगते हो ,
फिर तुमको मना कर क्या करना
तेरे दर पे आके बैठे हैं
अब घर भी जाकर क्या करना
दिन याद से अच्छा गुजरेगा
फिर तुमको बुलाकर क्या करना। ..
तेरे दर पे आके बैठे हैं
अब घर भी जाकर क्या करना
दिन याद से अच्छा गुजरेगा
फिर तुमको बुलाकर क्या करना। ..