मुझसे मेरी माँ की दो पल की
जुदाई भी सही नही जाती हैं
पता नही बेटींयां ये हुनर
कहाँ से लाती हैं......
बेटियाँ सब के नसीब में कहाँ होती है,
रब को जो घर पसंद आए वहाँ होती है
"पराया धन होकर भी कभी पराई नही होती
शायद इसीलिए....
किसी बाप से... हंसकर बेटी की, विदाई
नही होती।।"
जुदाई भी सही नही जाती हैं
पता नही बेटींयां ये हुनर
कहाँ से लाती हैं......
बेटियाँ सब के नसीब में कहाँ होती है,
रब को जो घर पसंद आए वहाँ होती है
"पराया धन होकर भी कभी पराई नही होती
शायद इसीलिए....
किसी बाप से... हंसकर बेटी की, विदाई
नही होती।।"